मिशन जय भीम महिला विंग द्वारा आयोजित बैठक
कहा जाता है पुरुष की सफलता के पीछे नारी का हाथ होता है, ये बात हमारी महान नारियो ने सच करके दिखाई भी है, चाहे सावित्री बाई फुले हो, माता रमाबाई। प्रथम शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले अगर महात्मा ज्योतिबा फुले का साथ न देती तो, शायद महिलाओ के लिए उस समय विद्यालय खोलना संभव न हो पता। अगर माता रमाबाई ने बाबा साहब का साथ और क़ुरबानी नहीं दी होती तो, शायद बाबा साहब ज्ञान का सूर्य बनकर भारत को न चमका पाते (संविधान न लिख पाते)।
देश में भी लगभग आधी आबादी महिलाओ की है, बिना इनके सामाजिक क्रांति सोचना भी अव्यहवारिक है। देश में महिला चाहे तो सरकार बनाने में भी निर्णायक भूमिका निभा सकती है।महिलाओ के बिना घर की कल्पना नहीं की जा सकती उसी तरह महिलाओ के बिना मिशन के प्रति जन चेतना अव्यहवारिक है ।
महिलाए खासकर भारतीय महिलाये अपना परचम हर जगह लहरा रही है, मिशन को भी महिलाओ के मार्गदर्शन और मेहनत की जरुरत है। मीटिंग में महिला विंग के विस्तार और पूरा देश में मिशन के प्रचार प्रसार पर मिशन के संस्थापक राजिंदरपाल जी से चर्चा हुई। महिलाओ का उत्साह देखते हुए मिशन जय भीम का बौद्धमय भारत का उद्देशय जल्दी ही पूरा होगा, समाज के जागरण हेतु सुन्दर पहल, और आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आपके इस प्रकार के सहयोग से मिशन जय भीम राष्ट्रीय स्तर पर समाज के हित में बेहतर आँदोलन छेड़ने में सक्षम हो सकेगा। मिशन जय भीम महिला विंग द्वारा आयोजित बैठक में सामाजिक चेतना और मिशन को प्रबल बनाने पर विचार।