5 अक्टूबर 2022, विजयदशमी पर विशाल धम्मदीक्षा समारोह

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5 अक्टूबर 2022, विजयदशमी पर विशाल धम्मदीक्षा समारोह

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जाति छोड़ो, समाज जोड़ो अशोक विजयदशमी के पावन अवसर पर
विशाल धम्मदीक्षा समारोह दिनांक : 5 अक्टूबर 2022, बुधवार, प्रातः 11:00 बजे
स्थान: डॉ. अम्बेडकरभवन, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली-110055 सम्मानित साथियों,

देश में बहुजनों पर आए दिन जुल्म और अत्याचार की घटनाएं होना आम बात है। बाबासाहेब डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने बहुजन समाज की दुर्गति का सबसे बड़ा कारण भारत की सड़ी-गली विषमतावादी सामाजिक व्यवस्था को मानते हुए नासिक जिले के येवला में एक सभा के दौरान 13 अक्टूबर 1935 में संकल्प लिया था, कि मैं ऊंच-नीच पर आधारित जाति-व्यवस्था का घोर विरोधी हूँ। इस व्यवस्था में मैं पैदा हुआ क्योंकि यह मेरे बस की बात नहीं थी परन्तु इस सामाजिक व्यवस्था में रहकर मरूंगा नहीं। लगभग 22 वर्ष अध्ययन करने के बाद उन्होंने समता, स्वतन्त्रता, बन्धुत्व एवं न्याय पर आधारित वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ओत-प्रोत तथागत सम्यक सम्बुद्ध की प्राणीमात्र के लिए कल्याणकारी विचारधारा को अपनाना तय किया और अशोक विजयदशमी के दिन 14 अक्टूबर 1956 में बुद्ध के धम्म में दीक्षित होकर 22 वर्ष पुराने संकल्प को पूर्ण किया। दूसरे दिन 15 अक्टूबर 1956 को नागपुर की दीक्षाभूमि पर अपने लाखों अनुयायियों को बुद्ध धम्म का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि आज हमने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया, बल्कि अपने पूर्वजों की गौरवशाली संस्कृति में वापसी की है। बुद्ध का धम्म इतना श्रेष्ठ है कि आज दुनिया के अधिकाँश देशों ने इसे अपनाया है। इस देश को पुन: “बौद्धमय भारत” बनाने का मेरा सपना है जिसे पूर्ण कर मैं अपने देश के प्राचीन गौरव को अवश्य ही वापस लौटाऊंगा। परन्तु इस घोषणा के 1 माह 21 दिन बाद 6 दिसम्बर 1956 को बाबासाहेब डॉ अम्बेडकर जी का महा परिनिर्वाण हो गया।

बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने अकेले दम पर बहुजन समाज को इतना दिया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है, परन्तु भारत को बौद्धमय बनाने का उनका सपना आज भी अधूरा ही है। आज दुनिया में अरबों लोग हैं जो बाबासाहेब को अपना आदर्श मानते हैं। उन्हीं में से समाज सुधार पर पैनी नजर रखने वाले दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं मिशन जय भीम के संस्थापक संरक्षक माननीय राजेन्द्र पाल गौतम जी हैं जिन्होंने बाबासाहेब के बाद में भारत को बौद्धमय बनाने के सपने को साकार करने के लिए अपने आप को पूरी तरह समर्पित कर दिया है। “बौद्धमय भारत” बनाना उनकी आज सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। पिछले वर्ष नागपुर की पवित्र दीक्षाभूमि से उन्होंने 2025 तक 10 करोड़ लोगों को बुद्ध धम्म में दीक्षित कराने का संकल्प लिया था जिसे भारत से ही नहीं देश-विदेशों से अपार जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 4 चरणों में बाँटा गया है। प्रथम चरण अशोक विजयदशमी 2022 को 10 हजार, द्वितीय चरण अशोक विजयदशमी 2023 को 1 लाख, तृतीय चरण अशोक विजयदशमी 2024 को 10 लाख और चतुर्थ चरण अशोक विजयदशमी 2025 को 10 करोड़ लोगों को बुद्ध धम्म में दीक्षित करने की योजना है। यह बात बहुजन समाज को अच्छी तरह समझ आ चुकी है कि जब तक जाति रहेगी तब तक जातिगत उत्पीड़न रहेगा और जाति ही हमारे समाज की हजारों साल की गुलामी व दरिद्रता का मूल कारण रहा है, इसलिए आओ हम सब मिलकर जातियों के बन्धन को तोड़कर सड़ी-गली सामाजिक व्यवस्था को छोड़कर अपने महापुरुषों की सांस्कृतिक विरासत, “बौद्धमय भारत” का निर्माण करें और आने वाली अशोक विजयदशमी के पावन अवसर पर उपरोक्त कार्यक्रमानुसार अधिक से अधिक संख्या में पधारकर कृतार्थ करें।
सबका मंगल हो। सभी सुखी हों। निवेदक 8 मिशन जयभीम (पजीकन) कार्यालयः 590, जाटव मौहल्ला, गांव बादली, दिल्ली-110042
सम्पर्क सूत्र : 8744073024,7827050588

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    मैं तथागत बुद्ध की विचारधारा जो समता, स्वतन्त्रता, बन्धुत्व, न्याय, सबके लिए समान अवसर, समान दृष्टिकोण एवं प्रज्ञा, शील और करुणा से ओत-प्रोत है, उस सम्यक विचारधारा से प्रभावित होकर आने वाली अशोक विजयदशमी को मिशन जय भीम द्वारा आयोजित धम्मदीक्षा समारोह में बिना किसी दबाव एवं लालच के अपनी स्वयं की इच्छा से अपने पूर्वजों की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने हेतु तथागत बुद्ध के धम्म में दीक्षित होना चाहता/चाहती हूँ और मैं अपनी खुशी से इस दीक्षा के कार्यक्रम में दीक्षा ले रहा/रही हूँ।

    Details

    Date:
    October 5, 2022
    Time:
    11:00 am - 5:00 pm

    Venue

    Ambedkar Bhawan
    Dr. BR Ambedkar Bhavan, 205-208, Rani Jhansi Rd, Block E 3, Jhandewalan Extension, Jhandewalan, New Delhi, Delhi 110005
    new delhi, delhi 110005 India
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