बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञाएँ
पिछले दिनों कुछ सम्प्रदियिक मीडिया ने बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञाओं को गलत ढंग से पेश किया, और मामले को इतना तूल दिया की दिल्ली सरकार में सामाजिक विकास मंत्री श्री राजेंदर पाल गौतम जी को इस्तीफा देना पड़ा।
5 अक्टूबर 2022 को दिल्ली के रानी झाँसी रोड स्थित डॉ आंबेडकर भवन पर धम्म दीक्षा का प्रोग्राम आयोजित किया गया था। जो की हर साल बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया आयोजित करती है। इस साल मिशन जय भीम और बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया दोने ने मिलकर आयोजित किया। जिसमे हर साल की तरह बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञा दोहराई गई।
मगर साम्प्रदाइक मीडिया ने इस प्रोग्राम को धर्म विरोधी घोषित करने की पूरी कोशिश की। मामले को तूल पकड़ता देख मान्यवर राजेंद्र पाल गौतम जी ने इस्तीफा दे दिया। क्योकि उन्हें बाबा साहब का आंदोलन आगे बढ़ाना है, बेकार के विवादों में फस कर नहीं रह जाना। साम्प्रदाइक मीडिया ने सत्तधारी पार्टी को खुश करने के लिए ये प्रकरणड रचा। मगर सत्ताधारी पार्टी इससे इत्तिफाक रखती है ?
भारत सरकार तो खुद इन प्रतिज्ञाओं को छपवाती है, बाबा साहब के writings & speeches vol 17 पेज संख्या 531 पर आपको ये मिल जाएगा। क्या है ये 22 प्रतिज्ञा ? आये जाने।
14 अक्टूबर 1956 चैत्य भूमि नागपुर में बाबा साहब ने अपने लाखो अनुयाइयों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। ये 22 प्रतिज्ञाएँ आज भी चैत्य भूमि नागपुर में पत्थर पर खुदी हुई है। जैसा की बताया भारत सरकार खुद इसे Ambedkar Writings & Speeches में छपवाती है।
अगर ये प्रतिज्ञा किसी धर्म विरोधी है, तो भारत सरकार क्यों छपवाती है ? भारतीय संविधान के अनुछेद 25-28 धार्मिक स्वत्रंत्रता की बात करते है। अगर मान्यवर गौतम जी ने अपनी धार्मिक स्वत्रंत्रता प्रकट की तो अपने मौलिक अधिकार का उपयोग किया है। जो भारतीय संविधान हर एक भारतीय को प्रदान करता है।
बाबा साहब द्वारा ली गई 22 प्रतिज्ञा :
01. मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा
02. मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते हैं, में कोई आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा
03. मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा.
04. मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ
05. मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे. मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूँ
06. मैं श्रद्धा (श्राद्ध) में भाग नहीं लूँगा और न ही पिंड-दान दूँगा.
07. मैं बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन करने वाले तरीके से कार्य नहीं करूँगा
08. मैं ब्राह्मणों द्वारा निष्पादित होने वाले किसी भी समारोह को स्वीकार नहीं करूँगा
09. मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ
10. मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करूँगा
11. मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का अनुशरण करूँगा
12. मैं बुद्ध द्वारा निर्धारित परमितों का पालन करूँगा.
13. मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार भरी दयालुता रखूँगा तथा उनकी रक्षा करूँगा.
14. मैं चोरी नहीं करूँगा.
15. मैं झूठ नहीं बोलूँगा
16. मैं कामुक पापों को नहीं करूँगा.
17. मैं शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा.
18. मैं महान आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करूँगा एवं सहानुभूति और प्यार भरी दयालुता का दैनिक जीवन में अभ्यास करूँगा.
19. मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि यह असमानता पर आधारित है, और स्व-धर्मं के रूप में बौद्ध धर्म को अपनाता हूँ
20. मैं दृढ़ता के साथ यह विश्वास करता हूँ की बुद्ध का धम्म ही सच्चा धर्म है.
21. मुझे विश्वास है कि मैं फिर से जन्म ले रहा हूँ (इस धर्म परिवर्तन के द्वारा).
22. मैं गंभीरता एवं दृढ़ता के साथ घोषित करता हूँ कि मैं इसके (धर्म परिवर्तन के) बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करूँगा – डा बी.आर. अम्बेडकर
बाबा साहब के सपनो का भारत बनाने में आप मिशन जय भीम का सहयोग कर सकते है।
We need to keep this Mission go on our n a fast speed as need of our.
Namo Budhay Jai Bhim