SC/ST, व वंचितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन
मिशन जय भीम के संरक्षण मान्यवर राजेंद्र पाल गौतम जी के नेतृत्व में, दिल्ली के जंतर मंतर पर शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन। लोगो को सम्बोथित करते हुए, गौतम जी ने जे जे जोगडिया जी का ज़िक्र किया। जो के मिशन जय भीम के गुजरात के अध्यक्ष थे। जोगडिया जी का एक्सीडेंट में निधन हो गया, जो की गुजरात पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर करियारत थे। बहोत बड़ी क्षति है समाज के लिए जिन्होंने हज़ारो लोगो को पढ़ने लिखने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। और हाल में 25 हज़ार लोगो को बौद्ध धम्म की दीक्षा दिलाई। गौतम जी ने बताया जोगडिया जी के भाई से फ़ोन पर बात हुई तो उन्होंने अपने भाई की इच्छा बताई के कुछ भी हो जाए पर ये मिशन रुकना नहीं चाहिए ।
इसी बीच राजेंद्र पाल गौतम ज़िंदाबाद के नारे लगने लगे, तो गौतम जी ने बताया आप वही गलती कर रहे है। हमें विचार को मजबूत करना है व्यक्ति को नहीं । तथा कथित साधु ने जो मेरे सर काटने वाले को 50 लाख इनाम देने की घोषणा की है। उन्हें फंडिंग कौन कर रहा है इसकी जाँच होनी चाहिए। हमने प्रेजिडेंट से लेकर ग्रह मंत्रालय को इस जान से मरने की धमकी की सुचना दी है , मगर अभी तक उनपर कोई कारवाही नहीं हुई है। आप एक राजेंद्र पाल गौतम का सर काटोगे तो 1000 त्यार होंगे। हम इनकी धमकियों से डरने वाले नहीं है। मगर इनकी आय का स्रोत पता चलना चाहिए। ये कैसे किसी को मरने की सुपारी दे सकते है, वो भी वो व्यक्ति जो की साधु का भेष धरना किये हुए है।
गौतम जी ने बताया पूरी दुनिया में जातीय नहीं है। सिर्फ ये भारत में पाई जाती है । एक ऐसा उदाहरण नहीं है, की जब किसी को जान बचाने के लिए खून की जरुरत पड़ी। तो उसने अपने जाती धर्म का ही खून माँगा हो। जब जान बचानी होती है तो जाती नहीं होती। नहीं तो पानी छूने पर हत्या कर दी जाती है, मूछ रखने पर हत्या कर दी जाती है, घोड़ी रखने पर हत्या कर दी जाती है।
गौतम जी ने बताया नीति बनाने वाले 2% से भी कम सेक्रेटरी है भारत सरकार में, तो जब आपकी भागी दारी ही ना के बराबर है। तो आपके लिए कौन बनाएगा नीति। हाल ही में EWS पर कोर्ट का फैसलाआया है। जो के सही नहीं है। जिसमे sc / st को EWS केटेगरी से बहार कर दिया ।
इनकी सरकार है तो हमारे लिए काम नहीं होता, हमारी सरकार बनेगी तो सभी वर्गो के लिए काम होगा । क्योकि हम समानता, करुणा , मैत्री में विश्वास रखने वाले लोग है। हम क्या गलत कर रहे है, अगर अपनी सांस्कृतिक विरासत में वापस जा रहे है। 56 देश बौद्धिष्ट है और 128 देशो में बौद्ध धम्म को मानने वाले है । एक रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक यूरोप में 50% आबादी बौद्ध धम्म को मानने वाली होगी। ऐसे धम्म को अपनाने में क्या बुरा कर रहे है, जो की भारत से ही फैला है पूरी दुनिया में ।